प्रॉपर्टी की बिक्री पर खत्म हुआ ‘इंडेक्सेशन’ का लाभ, जानें सेक्शन 54 से के जरिये कैसे बचाएं टैक्स

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प्रॉपर्टी बेचने पर होने वाले प्रॉफिट पर कैसे बचाएं टैक्स- India TV Paisa

Photo:REUTERS प्रॉपर्टी बेचने पर होने वाले प्रॉफिट पर कैसे बचाएं टैक्स

घर, मकान, दुकान खरीदना हमेशा से एक इंवेस्टमेंट का एक बेहतरीन तरीका माना जाता है। अगर आप कुछ सालों के बाद खरीदी हुई प्रॉपर्टी बेचते हैं तो आप भारी-भरकम प्रॉफिट बना सकते हैं। हाल के दिनों में प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों पर लगाम लागने के लिए सरकार ने बजट में ‘इंडेक्सेशन’ का लाभ खत्म करने का ऐलान किया है। इसके बाद टैक्स एक्सपर्ट का कहना है कि प्रॉपर्टी में निवेश करने वाले निवेशकों को अधिक टैक्स चुकाना होगा। आपको बता दें कि प्रॉपर्टी की बिक्री पर दो तरह का टैक्स, शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है। आइए जानते हैं कि इंडेक्सेशन’ का लाभ होने के बावजूद आयकर की धारा 54 के जरिये कैसे टैक्स बचा सकते हैं। 

क्या है इंडेक्सेशन का लाभ? 


बजट 2024 में प्रॉपर्टी मालिक के लिए इंडेक्सेशन बैनिफिट्स को हटाने का प्रस्ताव दिया गया। इसका मतलब ये हुआ कि एक घर के मालिक को जिसने अपने घर को बेचकर प्रॉफिट कमाया है, उसे अब कुल प्रॉफिट पर टैक्स देना होगा, न कि इंफ्लेशन एडजस्टेड प्रॉफिट पर टैक्स देना होगा।

प्रॉपर्टी बिक्री पर कैसे बचाएं टैक्स?

इंडेक्सेशन बैनिफिट्स पहले घर मालिकों को इंफ्लेशन यानी महंगाई को ध्यान में रखते हुए अपनी प्रॉपर्टी की लागत बढ़ाने की अनुमति देते थे, जिससे शुद्ध लाभ कम हो जाता था और इसलिए घर बेचने वाले को कम टैक्स देना पड़ता था। अब ये बैनिफिट उपलब्ध नहीं है, लेकिन फिर भी आयकर की धारा 54 के जरिये आप अपनी प्रॉपर्टी बेचते समय लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) बचा सकते हैं। 

टैक्स एक्सपर्ट का कहना है कि प्रॉपर्टी की बिक्री पर टैक्स तभी लागू होता है, जब प्रॉफिट को प्रॉपर्टी खरीदने में दोबारा निवेश नहीं किया जाता है। अगर आप घर बेचते हैं और सिर्फ प्रॉफिट का इस्तेमाल कर घर खरीदते हैं तो कोई टैक्स नहीं लगता है।” आयकर की धारा 54 के प्रावधानों में इसका जिक्र है।

सेक्शन 54 के तहत क्या कहते हैं नियम

टैक्स एक्सपर्ट के अनुसार, सेक्शन 54 के अनुसार, आवासीय घर की बिक्री पर कोई भी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स योग्य नहीं है, अगर इस तरह के गेन को आवासीय घर खरीदने में फिर से निवेश किया जाता है। 2 साल से ज्यादा समय तक रखने पर आवासीय घर की संपत्ति, लॉन्ग टर्म कैपिटल ऐसेट बन जाता है। अगर इसे समय से पहले बेच दिया जाता है, तो प्रॉफिट को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा और प्रॉपर्टी बेचने वाले की लागू स्लैब दर के अनुसार टैक्स लगाया जाएगा। इस बात का खास ध्यान रखा जाना चाहिए कि सेक्शन 54 के तहत टैक्स कटौती सिर्फ आवासीय घर बेचने के मामले में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के मामले में लागू होती है। 2 मकान बेचकर 1 मकान लेने पर भी टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं।

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